GST kya hai in Hindi / Eng PDF | What is GST in Hindi

GST Bill in Hindi / Eng PDF (GST Meaning, effects, implementations and Rates) | GST se Kya hoga sasta aur mehga- (Economics Class 12)

Full form of GST is Goods and services tax. भारत सरकार द्वारा देश भर में जीएसटी लागू कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले से कई आर्थिक क्षेत्रो में परिवर्तन आने की सम्भावना है. अतः देश के सभी नागरिकों को इस टैक्स के विषय में जानने की आवश्यकता है.

30 जुन 2017 को प्रधानमंत्री मोदी ने आधी रात को समस्त देश में जीएसटी पारित किया. इसके लिए संसद के सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमे दोनों सदनों के सांसद उपस्थित थे. इस आयोजन में व्यापार क्षेत्र के और मनोरंजन क्षेत्र की कई नामचीन हस्तियाँ शामिल थीं. भारत की आज़ादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि सदन के हॉल में मध्यरात्रि के समय किसी सेशन को अंजाम दिया गया है.

जीएसटी क्या है

जीएसटी एक तरह से जनरल सर्विस टैक्स सुविधा है. इसे आम तौर पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स भी कहा जाता है. यह एक तरह से इनडायरेक्ट टैक्स है, जो विभिन्न तरह के राज्य और केंद्र सरकार के करों को एक नाम के अन्दर समाहित करेगा. इसे भारतीय संविधान में एक सौ एकवाँ अधिनियम के तहत शामिल किया गया है. जीएसटी मुख्यतः एक जीएसटी कौंसिल के द्वारा चलाया जाता है, जिसके चेयरमैन तात्कालिक समय में भारत के वित्तमंत्री हैं. जीएसटी के अंतर्गत 0%, 5%, 12%, 18% और 28% का टैक्स लगाया गया है. इसके अलावा 0.25 प्रतिशत आमपत्थरों और कीमती पत्थरों पर तथा 3% सोने पर जीएसटी लगा होता है.

इतिहास: साल 1986 में विश्वनाथ प्रताप सिंह द्वारा इनडायरेक्ट टैक्स की शुरुआत की गयी और पहली बार मॉडिफाइड वैल्यू एडेड टैक्स लोगों के बीच आई. यह टैक्स व्यवस्था एक लम्बे समय तक चली.

साल 1999 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी के समय में उनके आर्थिक सलाहकारों के द्वारा जीएसटी का कांसेप्ट पहली बार लाया गया. इस बैठक में भूतपूर्व आरबीआई गवर्नर आईजी पटेल, बीमल राजन और सी रंगराजन मौजूद थे. यद्यापि सरकार एनडीए की थी किन्तु वाजपेयी ने उस समय के तात्कालिक पश्चिम बंगाल के वित्त राज्य मंत्री श्री असीम दासगुप्ता को जीएसटी मॉडल तैयार करने को कहा. असीम दासगुप्ता कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे. असीम दासगुप्ता की इस कमिटी ने इसपर काम किया और इस वर्ष यानि साल 2017 में ये जीएसटीएन के नाम प्रचलित हुआ है.

साल 2003 विजय केलकर के अंतर्गत एक टास्क फाॅर्स का गठन किया, जिसका काम आवश्यक टैक्स रिफॉर्म्स पर ध्यान देना था. साल 2005 में केलकर कमेटी ने देश के बारहवें फाइनेंस कमिटी के सुझाव पर जीएसटी के लागू करने की बाते कहीं. साल 2004 में एनडीए सरकार के फ़ैल होने पर यूपीए के वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने इसे 1 अप्रैल 2010 में लागू करने का निर्णय लिया किन्तु यूपीए सरकार के 10 साल के शासन काल में ये काम नही हो सका. पश्चिम बंगाल में सत्ता पलट होने के बाद असीम दासगुप्ता ने जीएसटी कमिटी के हेड पद से इस्तीफ़ा दे दिया. एक साक्षात्कार में असीम दासगुप्ता ने कहा कि इस पर लगभग 80% काम पूरे हो गये हैं.

साल 2014 में एक बहुत बड़े मैंडेट से जीतने के बाद नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमन्त्री बने. सरकार गठन के 7 महीने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में बिल पेश किया. फरवरी 2015 में अरुण जेटली ने 1 अप्रैल 2016 को जीएसटी बिल पास करने का डेडलाइन तय किया. अंततः बहुमत होने की वजह से ये बिल दोनों सदनों में पास हो गया.

जीएसटी के अंतर्गत विभिन्न टैक्स: जीएसटी के अंतर्गत के ये विभिन्न टैक्स शामिल हैं.

  • सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी.
  • कमर्शियल टैक्स.
  • वैल्यू एडेड टैक्स.
  • फ़ूड टैक्स.
  • सेंट्रल सेल्स टैक्स.
  • इन्ट्रोईट.
  • ओक्ट्रोईट.
  • एंटरटेनमेंट टैक्स.
  • एंट्री टैक्स.
  • पर्चेस टैक्स.
  • लक्ज़री टैक्स.
  • एडवेर्टाईजमेंट टैक्स.
  • सर्विस टैक्स.
  • कस्टम ड्यूटी.
  • सरचार्जेस.

प्रभाव एवं लाभ: जीएसटी का विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव दिया जा रहा है.

  • व्यापार और कम्पनियो के लिए
  • आसानी से अनुपालित होने की सुविधा: जीएसटी का नियंत्रण और नियमन एक बेहद उम्दा आईटी सिस्टम द्वारा किया जाएगा. अतः सभी तरह की टैक्स पेयर सुविधा मसलन पंजीकरण, रिटर्न, पेमेंट आदि की सारी सुविधाएँ ऑनलाइन दी जायेंगीं. अतः सभी कर दाता बहुत आसानी से टैक्स जमा कर पाएंगे.
  • टैक्स दर और स्ट्रक्चर में संतुलन: आशा है कि GST टैक्स दर को नियंत्रित रखने में सहायक सिद्ध होगा और देश भर में टैक्स का एक ही दर लागू रहेगा. ऐसा माना जा सकता है कि जीएसटी देश के व्यापार को टैक्स न्यूट्रल बनाएगा, जिससे कहीं भी कभी भी समान व्याज दर पर व्यापार किया जा सकेगा.
  • व्यापार में एक स्वस्थ प्रतियोगिता : ट्रांजक्शन कॉस्ट में कमी आने पर व्यापार करना आसान हो जाएगा और व्यपारी ट्रेड और इंडस्ट्री में आगे बढने के रास्ते तलाश पायेंगे और एक स्वस्थ व्यापारिक प्रतियोगिता जन्म लेगी.
  • केंद्रीय और राज्य सरकारों की सहूलियत:केंद्र और राज्य सरकार को निम्लिखित तरह से आसानी प्राप्त होगी.
  • साधारण और आसान नियमन : पहले चल रहे कई तरह के इनडायरेक्ट केंदीय और राज्यस्तरीय टैक्स जीएसटी के अंतर्गत आ जायेंगे. साथ ही इसमें एंड टू एंड आईटी सिस्टम की सुविधा है. जीएसटी इस सुविधा के साथ एक अतिसाधारण रूप में आ रही है.
  • पारदर्शिता : आईटी सेल की सहायता से जीएसटी के नियंत्रण और नियमन की वजह से टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता आएगी. निर्बाध ट्रांजक्शन की सुविधा की वजह से एक स्तर पर ही टैक्स लेन देन हो जाएगा. अतः पारदर्शिता आ पाएगी.
  • उच्चतर धन संचय: जीएसटी की सहायता से टैक्स भरना आसान हो जाएगा अतः अधिक से अधिक लोग टैक्स भरेंगे और देश की आर्थिक व्यवस्था बेहतर बनेगी.
  • ग्राहकों के लिए
  • एकल और पारदर्शी टैक्स व्यवस्था: पहले विभिन्न तरह के टैक्स होने की वजह से लोग हर तरह के टैक्स का भुगतान नहीं कर पाते थे. जीएसटी इन सभी तरह के टैक्स को एक नाम के अन्दर समेट ले रही है, अतः लोगों को ये टैक्स देने में बहुत आसानी होगी.GST के अंतर्गत सिर्फ एक ही टैक्स होगा जिससे कर भुगतान आसन और पारदर्शी बनेगा.
  • विभिन्न टैक्स से छुटकारा : पारदर्शिता आने की वजह से कई चीज़ों की कीमतों में कमी आएगी और खरीदारों अथवा बेचने वालों पर किसी तरह के अतिरिक्त टैक्स का बोझ नहीं आएगा.

जीएसटी भारत में कैसे काम करेगा: भारत के शासन व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यहाँ पर लागू जीएसटी के दो अवयव बनाए गये हैं. सेंट्रल जीएसटी और स्टेट जीएसटी. केंद्र सरकार सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स वसूलेगी और राज्य सरकार स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स.

जीएसटी लगभग सभी तरह के ट्रांजक्शन मसलन सेल, ट्रान्सफर, पर्चेस, बार्टर, लीज आदि तथा इम्पोर्ट- एक्सपोर्ट पर जीएसटी लगेगा. भारत में ड्यूल GST मॉडल लागू हुआ है. ड्यूल जीएसटी का मतलब है कि इसका नियंत्रण और नियमन राज्य और केंद्र दोनों मिल कर करेंगे. इंटरस्टेट ट्रांजक्शन और आयातित (इम्पोर्टेड) गुड्स और सर्विसेज में केंद्र का जीएसटी लगेगा. जीएसटी एक तरह से कंसम्पशन बेस्ड टैक्स है अतः इस टैक्स का निर्वाह वह आदमी करेगा जो किसी तरह के गुड्स अथवा सर्विस का पर्चेस करता है. अतः टैक्स उन राज्यों के अंतर्गत आएगा जहाँ पर ये इन वस्तुओं अथवा सर्विसों का लाभ उठाया जा रहा है, न कि उन राज्यों के अंतर्गत जहाँ इन प्रोडक्ट अथवा सर्विस का निर्माण हुआ है.

जीएसटी में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रयोग कैसे होगा: केंद्र और राज्य दूनो तरह की सरकारों ने एक साथ इस टैक्स सर्विस के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क नाम की संस्था की स्थापना कर रही है. ये संस्था एक तरह की ‘नोट टू प्रॉफिट’ और ग़ैरसरकारी संस्था रहेगी. इस संस्था का मुख्या काम कर दाताओं को एक ऐसा स्टेज देना होगा,जीकी सहायता से वे आसानी से टैक्स दे सकें. इसी की सहायता से जीएसटी पोर्टल में लोग अपना पंजीकरण, रिटर्न, पयेमेंट आदि कार पायेंगे.

अतः इसके बाद रिटर्न के लिए किसी तरह के मैन्युअल फिलिंग की आवश्यकता नहीं होती है. सारे टैक्स भी ऑनलाइन भरे जायेंगे.

जीएसटी के बाद कीमतें: जीएसटी लगने के बाद कई सामानों की कीमतों में उतार चढ़ाव हुआ है. यहाँ पर प्रतिशत दर के अनुसार विभिन्न सामानों पर लगे जीएसटी के विषय मके बताया जा रहा है.

  • 0% जीएसटी: कई वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगा हुआ है. इन वस्तुओं फ्रेश मीट, मछली, चिकन, अंडे, दूध, बटरमिल्क, दही, नेचुरल मधु, फल और सब्जियां, आटा, नमक, जगेरी आदि पर जीएसटी नहीं लगा है. इसके बाद बिंदी, सिन्दूर, काजल, बंगेल आदि पर भी किसी तरह का जीएसटी नहीं लागू नहीं हुआ है.
  • 5% जीएसटी: विभिन्न तरह की फ़ूड आइटम मसलन फिश फिल्लेट, पॅकेज फ़ूड आइटम, क्रीम, मिल्क पाउडर, ब्रांडेड पनीर, कांसेर्व की हुई सब्जियां, ब्रन्म्देद पिज़्ज़ा, कॉफ़ी, चाय, पिज़्ज़ा ब्रेड, साबूदाना, काजू अकादी पर 5% का जीएसटी लगा है.
  • 12% जीएसटी: 12% जीएसटी के अंतर्गत मक्खन, चीस, घी, ड्राई फ्रूट, फैट, सॉसेज, फ्रूट जूस, नमकीन और केचप आदि हैं. इन सबके अलावा कई सेलफोन पर भी ये टैक्स लगाया जा चूका है. इसके साथ ही चम्मच, फोर्क्स, स्कीमर, केक सर्वर आदिम की कीमतों पर भी 12% का टैक्स लगेगा.
  • 18% जीएसटी: बिस्कुट, रिफाइंड सुगर,पास्ता, कॉर्न फलैक्स, पेस्ट्रीज, सूप, इंस्टेंट फ़ूड मिक्सेस आदि पर 18% का जीएसटी लागू है. मिनिरल वाटर पर भी 18% का टैक्स जारी है. एसी होटल जो शराब ऑफर करता हो, टेलिकॉम सर्विस आईटी सर्विस आदि के लिए 18% जीएसटी देना होगा.
  • 28% जीएसटी: पान मसाले, गुटखा, चेविंग गम, डीओडोरेंट, शेविंग क्रीम, आफ्टर शेव, हेयर शैम्पू, डाई आदी पर 28% का जीएसटी लगा है.

जीएसटी फायदे एवं नुकसान | GST ke Fayde aur nuksan

 

जीएसटी के फायदे

  1. जीएसटी लागू होने से कर दाता अर्थात टैक्स पेयर को केवल एक ही टैक्स देना होगा । जीएसटी के आने से कैस्केडिंग टैक्स अर्थात टैक्स पर लगने वाला टैक्स पूरी तरह खत्म हो जाएगा । जीएसटी के तहत केवल वैट टैक्स देना होगा । इसमे सर्विस एवं एक्साइज़ टैक्स खत्म कर दिया जायेगा ।
  2. व्यापार पंजीकरण के लिए उच्चतम सीमा 20 लाख कर दी गई हैं जिससे छोटे व्यापारियों को फायदा मिलेगा ।
  3. नये व्यापारियों को अपने स्टार्ट अप के लिए भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी । पहले उन्हे एक्साइज़, वैट एवं सर्विस टैक्स के लिए टैक्स ऑफिस के चक्कर काटना पड़ता था लेकिन अब यही काम जीएसटी के जरिये हो जाएगा जिसके लिए एक सामान्य ऑनलाइन प्रक्रिया निर्धारित की गई हैं ।
  4. ऑनलाइन मार्केटिंग वैबसाइट पर भी जीएसटी लागू किया गया हैं जिससे सभी स्टेट्स मे प्रॉडक्ट समान कीमत पर प्राप्त होंगे । अब तक राज्यों मे लगाने वाले टैक्सेस मे अंतर था जिस कारण एक वस्तु किसी स्टेट मे महंगी और वही एक वस्तु किसी अन्य स्टेट मे सस्ती मिल जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा ।
  5. जीएसटी एवं उसके अंतर्गत दी जाने वाली ऑनलाइन सुविधाओं के कारण व्यापार व्यवस्थित होगा एवं पारदर्शिता बढ़ेगी ।
  6. जीएसटी के कारण कई वस्तुये सस्ती होंगी । एवं कर जटिलता खत्म होने से कर की चोरी कम होगी एवं सिस्टम मे पारदर्शिता बढ़ेगी ।
  7. टैक्स की चोरी कम होगी जिससे देश का राजस्व बढ़ेगा जो कि भारत निर्माण मे सहायक होगा ।

इन कई तरह के फ़ायदों के साथ – साथ जीएसटी के कई नुकसान भी हैं ।

जाने क्या हैं जीएसटी के नुकसान ?

  1. जीएसटी के कारण केंद्र का राजस्व तो बढ़ेगा लेकिन कई राज्यो के कोश मे कम पैसा आने की संभावना हैं ।
  2. जीएसटी से महंगाई बढ़ेगी । खुला अनाज सस्ता होगा लेकिन पैकेट मे बंद अनाज की कीमत बढ़ जायेगी ।
  3. कई देशो मे जीएसटी लागू किया गया हैं जिनके अनुभव के अनुसार शुरुवाती दिनों मे महंगाई बढ़ेगी परंतु कुछ दिनों मे स्थिती नियंत्रित हो जायेगी ।
  4. बढ़ती महंगाई के कारण छोटे व्यापारियों के व्यापार मे मंदी आयेगी ।
  5. व्यापार मे मंदी के कारण बेरोजगारी बढ़ेगी ।
  6. विमुद्रीकरण के समय की स्थिती वापस निर्मित होने की आशंका बताई जा रही हैं ।
  7. जीएसटी के कारण कई वस्तुये महंगी होगी जैसे बड़ी कार, मेक अप का समान, कपड़े, मिल्क एंड मिल्क प्रॉडक्ट, AC रेल टिकिट, हवाई टिकिट आदि ।
  8. जीएसटी के अंतर्गत सभी कार्य ऑनलाइन कर दिये जायेंगे जिसे सीखने एवं समझने मे व्यापारियों को कठिनाई होगी ।

इस तरह जीएसटी के आने से कई प्रभाव आम जनता एवं व्यापारियों पर दिखाई देंगे ।

GST se kya hoga Menga aur kya hoga sasta | GST से क्या होगा मेहगा और क्या होगा सस्ता 

Things marked in green will become cheaper and things marked in red will be costly.

After Before
 

 

 

Basic food items

(basic food items will attract 0% tax and decrease the grocery bill )

Cereals, rice, wheats, pulse, milk 0% 0%
Coffee, tea, sugar, edible oil 5% 5%
Biscuits, corn flakes, ice creams 18% 32%
Chocolates 28% 33%
 

 

 

 

 

Non food

Items

(Cost of most items will reduce except Ayurveda and footwear >Rs 500)

Hair oil, soaps, toothpaste 18% 24%
Shampoo, face cream 28% 39%
Silk and jute 0% 5%
Cotton 5% 5%
Manmade fiber 18% 8%
Ayurveda 12% 9%
Footwear< Rs 500 5% 14%
Footwear> Rs 500 18% 14%
 

 

Durable items

(Cost of TV, fridge, washing machines, Smartphone will reduce and cost of GOLD will increase)

TV, AC, Fridge, washing machine, furniture 28% 33%
Gold 3% 2%
Smartphone 12% 17%
Cement 28% 31%
 

 

 

 

 

 

Basic services

(Services will cost more by almost all services except for movie tickets, healthcare and education)

Insurance premium 18% 15%
Banking charges 18% 15%
Telephone, mobile 18% 15%
Movie tickets 28% 40%
Cab rides – OLA, UBER 5% 6%
Maintenance charges (> Rs 5000) 18% 16%
Railway non AC 0% 0%
Railway AC 5% 5%
Air travel economy class 5% 6%
Air travel business class 12% 9%
Healthcare 0% 5%
Education 0% 0%
 

 

 

 

 

Hotels and Restaurants

(Higher tax on higher expenditure is the main concept)

Hotel booking (less than Rs 1000) 0% 15%
Hotel booking (Rs 1000-2500) 12% 15%
Hotel booking (Rs 2500-5000) 18% 15%
Luxury hotels 28% 15%
Restaurants (Turnover less than Rs 50 lakhs) 5% 15%
Non AC Restaurants 12% 15%
AC with liquor license 18% 20%
5 star hotels 28% 15%
 

 

 

Cars

(Higher tax on diesel and midsized cars. SUVs and luxury cars to cost less)

Small cars diesel 31% 28%
Small cars petrol 29% 26%
Mid sized 43% 41%
Luxury  cars 43% 45%
SUVs 43% 48%

The central government of India has proposed to pass another type of indirect taxes on the manufactured, sale and consumed products in 2014. However this value added tax namely Goods and Services Tax Bill could not be passed in the mentioned year due to the rift between state and central regarding the bill. At that point of time Congress party along with the several state governments had denied accepting the GST bill as they have shown a lot of loopholes in the bill. In August 2016, finally after couple of years the states, even the Congress party had given a nod to the bill and it gets passed.

What is GST Bill in English | GST Meaning

Goods and Services Tax Bill is, as mentioned, a type of indirect tax levied on the manufacturing, sales and consumption of any goods and services across India. In India, several state taxes are levied in these three mentioned processes. After GST, there will be only one time tax that will be levied on the goods and services consumed within the boundary of the nation. Central government calls it ‘One nation one tax’ as after passing of the bill suppliers will have to bear onetime indirect tax for their business.

GST Bill 2016-17 in Hindi

Why it is needed?

Goods and Services Tax is needed for the reforms of the Indirect tax system in India. As mentioned in the previous paragraph that India does have several taxes in different stages of production and consumption. But under GST there will be one rate of tax that will be borne by the consumer. Considering the consumer’s point of view they will have to pay a much lower rate of taxes than earlier times when it was 25-30%.

On the other if the supplier is purchasing the goods and services for general commercial purpose then he / she can claim the tax credit as well. This tax will be an integration of the central as well as state taxes and will become one single tax for one nation.

All about GST government web portal for easy online enrollment (www.gst.gov.in)

To ease the process of payment of Goods and Service Tax (GST), government has launched an official web portal. The website is addressed as www.gst.gov.in and presently is fully functional and Live for anyone who is looking forward to pay goods and service related tax. The website offers with convenience where anyone can enroll online and make the payment of the tax amount.

The official web portal was built and launched by GSTN for implementing smooth transition of goods and service tax regime in the country. The company has officially launched the web portal www.gst.gov.in on November 8th 2016. This was done one the same day when Rs 500 and Rs 1000 currency notes were demonetized by the Prime Minister Mr. Narendra Modi.

Steps taken by the government after the launch of the official Website

  • Right after the launch of the website it is certain that government has already begun with the process of transition of nearly 20 lakh Tax payers (service tax), 65 lakh value added tax payers and around 3 to 4 lakh tax payers for central excise tax and diverting them toward the official GST regime.
  • The government is also planning to set up four different Data centers in different places in Bangalore and Delhi. The main aim of setting up these Data centers is to manage massive amount of data and at the same time to ensure the safety of the data.
  • Apart from this, the government also aims that the data centers shall provide all possible support for GST regimes IT infrastructure. This is done with an aim to maintain the security of massive data these centers will be handling.

Benefits of online GST web portal

As there are a number of people who have to pay goods and service tax for different services or goods purchase and sales, so it is certain that there are many people who are going to benefit from this website.

  • The online GST web portal can be considered as single window solution for anyone who has to pay service and goods tax. The process of payment is expected to be much more simplified for tax payers as they don’t have to face any hurdles in their way.
  • The web portal also offers tax payers with multiple protocols such that they can make the selection of making the payments by selecting multiple payment options. The portal offers with convenience of selecting different payment options using credit or debit cards. Tax payers can also select RTGS/NEFT protocols through the web portal.
  • Another benefit of the web portal is that tax payers can make the payment of other taxes through the portal as per their convenience. So you can select making payments of VAT, service tax, all possible indirect and direct government taxes and excise duty using the same portal.
  • The website also offers with convenience where merchants, businessman and traders can use the same web portal for paying their tax amounts. Apart from this the government has also stated that the portal will ease the process of registering as tax payers for any individual or business firms. Tax payers can also use the same web portal for filing their IT returns or even for claiming their tax refund in their bank account.

Sources have also stated that the software that is fuelling the web portal is functional with nearly 60 percent features. The developers are adding other important features to the software to ensure that it offers with best services. The website is presently testing the process of tax payment for centre and other states in the country.

The website is also expected to be performing 100 percent by 2017 April when government shall implement GST formally in the country. The process of transition for tax payers has already started by the government.

Why State Government opposed it?

The state government had opposed the bill at the first place by raising few points against rules and policies regarding the bills. According to the states, the bill does not say anything about the entry tax and the petro tax. The State Empowered Committee Chairman had stated that the bill is not clearly depicting about the fact that if the state undergoes loss of revenue due to levying the GST for the next five years then how the Central will compensate the loss. Even it was not clear that whether they will compensate the revenue loss or not. These factors were the most prominent points that were raised by both the congress and other state governments against the GST Bill.

What is the 3 major demand of Congress, due to this it is not supporting GST Bill?

Congress had made their points clear when party president Rahul Gandhi spoke about the major demands they had on the bill. He claimed that there were 3 things that they needed to be abolished from the GST Bill. They are:

  • Upper cap on the GST rate: Congress wanted the central government to put a cap on the GST at 18%. However it wasn’t set as Finance Minister of India said putting a cap of 18% would be troublesome under the amendment as each time GST council has to keep on changing the amendment to change the rate.
  • Abolishment of the 1% additional tax: there was a provision of 1% additional tax imposed on the consumption of the goods and services. The party wanted the central to remove it completely to bring down the tax burden.
  • Independent dispute resolution: further the party demanded that the bill must be settled on the independent dispute resolution mechanism which was missing in the original bill proposed by the UPA government.

Government point of view towards GST

As far as the central government is concerned, they have stated that the tax will amalgamate all the other taxes like purchase tax, entertainment tax, VAT or sales tax, entry tax, excise duty, luxury tax and such and become one tax namely Goods and Services Tax.

On the other the state government has taken the GST on a positive way when some of the factors are revised in the bill. The abolishment of 1% additional tax, compensation of the revenue loss for the next years, dispute resolution system for PAN India and accommodated rate of the tax that will bring down the tax burden for common man.

Benefits or Positive changes once GST is implemented

Once GST will be passed the biggest positive change will be price decrease for several goods and services. Two wheelers and four wheelers price, movie tickets price and finally the domestic product and services price are expected to go down after the bill. For the small cars industry the tax rate will be 18-20% instead of 30.4% so the price will is expected to go down by 10%.

Negative changes once GST is implemented

As far as the negative changes are concerned, the price of few things are expected to increase, a few of them are

Sno Items
1 air tickets for economy
2 air tickets non-economy
3 hotel prices,
4 branded cloths,
5 cigarettes,
6 branded jewellery
7 mobile phone calls
8 online advertisment

Currently the tax levied on economy class tickets in flights is 6% and 9% for non-economy class will be taxed at 18-20% after GST. Also in the financial sector, the investments, insurance premium and such will be expensive than earlier time.

GST Bill passed date

On Wednesday fist week of August 2016 the GST bill has passed in Rajya Sabha. Though it was passed by the Lok Sabha in 2015, but it was hooked in Rajya Sabha for several points.

GST Tax Rates

GST council have proposed 5 tax slabs under GST they are

SNo Tax Rate in %
1 0
2 5
3 12
4 18
5 28

Updates

  1. GST council approves 15% cess for luxury car apart from 28% GST tax
  2. 4 Supplemental GST Bills passed.

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